National New Pension Scheme NPS in Hindi न्यू नेशनल पेंशन स्कीम यह एक जरुरी जानकारी हैं इसे पढ़े एवम अपने साथ अपने दोस्तों एवम रिश्तेदारों को इस तरह की योजनाओ के बारे में जानकारी दे ताकि सभी अपने भविष्य के लिए आज से तैयारी कर सके |
न्यू नेशनल पेंशन स्कीम वृद्धावस्था में आर्थिक सहायता देती हैं | जीवन का वह समय जब मनुष्य परिश्रम करके धन का उपार्जन नहीं कर सकता,उस समय न्यू पेंशन स्कीम उसकी लाठी बनती हैं | इस तरह के प्लान यह बताते हैं कि भविष्य में मनुष्य को पेंशन स्कीम के चलते कभी भी अपने जीवन में आर्थिक समझौता नहीं करना होगा | पर इस सबके लिए हमें वर्तमान समय में जागना होगा और भविष्य के प्रति चिंता करते हुए न्यू पेंशन स्कीम से जुड़ना होगा जिसके लिए आपको समय रहते कुछ इन्वेस्ट करना होगा जो आपको वृद्धावस्था में लाभ दे |
National New Pension Scheme NPS
क्या हैं न्यू नेशनल पेंशन स्कीम
What Is National New Pension Scheme NPS
सामान्यतया भारत में रिटायर्मेंट की आयु 60 से 65 वर्ष हैं लेकिन भविष्य में इसे बढ़ाकर 75 कर देने की आशंका हैं | अधिक से अधिक वृद्ध व्यक्तियों को आर्थिक सुरक्षा मिले इसलिए सरकार द्वारा National Pension Scheme NPS चालू किया गया हैं |
History Of National New Pension Scheme NPS
सरकार द्वारा 10 अक्टूबर 2003 में पेंशन फंड नियामक एवं विकास प्राधिकरण (Pension Fund Regulatory & Development Authority की स्थापना की | जिसने वर्ष 1 जनवरी 2004 में National Pension Scheme (NPS) लॉन्च किया जिसका मुख्य उद्देश्य रिटायर्ड व्यक्तियों के लिए रिटायरमेंट इनकम प्रोवाइड कराना हैं |साथ ही नागरिको को भविष्य के प्रति जागरूक करना और बचत के लिए प्रोत्साहित करना भी PFRDA का काम हैं |
National Pension Scheme NPS ने 1st मई 2009 में सफलता पूर्वक पेंशन का कार्य शुरू किया जिसमे अनओर्गेनाइज़ सेक्टर के लोगो को भी शामिल किया गया | इसके पहले पेंशन केवल सरकारी कर्मचारी को मिलती थी जो कि सरकार द्वारा दी जाती थी लेकिन 2003 के बाद जो लोग सरकारी नौकरी में लगे उन्हें सरकार द्वारा दी जाने वाली पेंशन बंद कर दी गई | और उन्हें NPS के तहत पेंशन देने का प्रावधान लाया गया | जिसमे वे खुद अपने योगदान द्वारा पेंशन बना सकते हैं साथ ही अन्य गैर सरकारी नौकरियों में लगे लोगो को भी NPS में शामिल किया गया |
What Is PRAN Card In NPS
NPS के तहत सब्सक्राइबर को PRAN Card प्रोवाइड कराया जाता हैं :NPS के तहत सब्सक्राइबर को खाते को नियमित रूप से संचालित करने हेतु a unique Permanent Retirement Account Number अर्थात PRAN नंबर दिया जाता हैं जो अद्वितीय होता हैं और एक सब्सक्राइबर द्वारा बदला नहीं जा सकता |यह उम्र भर समान होता हैं और पुरे देश में चलता हैं |
NPS के तहत दो तरह के अकाउंट खोले जाते हैं |
टियर 1 : यह नॉन विड्रावल सेविंग अकाउंट हैं जहाँ से 60 वर्ष की आयु के बाद ही पैसा मिलता हैं |
टियर 2 : यह एक साधारण सेविंग अकाउंट की तरह हैं जहाँ से सब्सक्राइबर पैसा निकाल सकता हैं | अतः इस पर कर लाभ नहीं मिलता |
जाने विस्तार से What Is Tier I And Tier II in NPS
क्र | बिंदु | टियर I | टियर II |
1 | परिभाषा | इससे सब्सक्राइबर पैसा नहीं निकाल सकता हैं | यहाँ भविष्य के लिए पैसा जमा होता हैं | | यहाँ से सब्सक्राइबर पैसा निकाल सकता हैं | |
2 | अकाउंट खोलने के लिए न्यूनतम धन राशि | 500 रूपए | 1000 रूपए |
3 | न्यूनतम मासिक योगदान | 500 रूपये | 250 रूपये |
4 | न्यूनतम वार्षिक योगदान | 6000 रूपये | 2000 रुपये |
5 | योगदान का समय | इसमें सब्सक्राइबर को 60 वर्ष की आयु तक योगदान करना अनिवार्य हैं | | यह सब्सक्राइबर पर निर्भर करता हैं | |
6 | टैक्स लाभ | yes | no |
नेशनल पेंशन स्कीम के मुख्य बिंदु
Key Point For National New Pension Scheme NPS
नेशनल पेंशन स्कीम के लिए योग्यता :
Eligibility For NPS
- केंद्रीय सरकारी कर्मचारी :
आर्मी ऑफिसर्स के अलावा सभी केंद्रीय सरकारी कर्मचारी NPS से जुड़ सकते हैं | इसके अलावा अन्य सरकारी कर्मचारी भी आल सिटिज़न मॉडल के तहत पेंशन सुविधा से जुड़ सकते हैं |
- NPS से जुड़ने का तरीका :
केन्द्रीय ऑफिसर्स इस योजना के तहत टियर 1 में पेंशन का लाभ ले सकते हैं |
- योगदान :
केंद्रीय सरकारी कर्मचारी के लिए NPS अनिवार्य हैं |जिसके लिए प्रति माह 10 % उनकी सैलरी से कटता हैं और उतना ही योगदान सरकार द्वारा दिया जाता हैं |
- विड्रावल :
सब्सक्राइबर को रिटायरमेंट के बाद पेंशन मिलती हैं | रिटायरमेंट के बाद वो टियर 1 के तहत पैसा निकाल सकता हैं | अगर सब्सक्राइबर की मृत्यु हो जाए तो सारा पैसा नॉमिनी को दिया जाता हैं |
- राज्य सरकार कर्मचारी :
किसी भी राज्य के सरकारी कर्मचारी भी इस NPS योजना से जुड़ सकते हैं जिसके लिए उन्हें राज्य सरकार के नोटिस की जरुरत होती हैं |अन्य सरकारी कर्मचारी जो इस NPS प्रणाली के अंतर्गत नहीं आते वे भी Point of Presence – Service Provider (POP-SP) के जरिये आल सिटिज़न मॉडल के तहत पेंशन का लाभ ले सकते हैं |
- NPS से जुड़ने का तरीका :
NPS से जुड़ने के लिए राज्य सरकार के सरकारी कर्मचारी को एक फॉर्म भरकर DDO के हस्ताक्षर लेने पड़ते हैं |
- योगदान :
जिसके लिए प्रति माह 10 % उनके मासिक वेतन से कटता हैं और उतना ही योगदान सरकार द्वारा दिया जाता हैं |
- विड्रावल :
NPS के तहत सब्सक्राइबर को रिटायरमेंट के बाद पेंशन मिलती हैं अगर सब्सक्राइबर की मृत्यु हो जाये तो पूरा पैसा नॉमिनी को मिल जाता हैं |
- कॉर्पोरेट :
कॉर्पोरेट स्वतंत्ररूप से कॉर्पोरेट लेवल अथवा सब्सक्राइबर लेवल के अंतर्गत NPS के तहत जुड़ सकते हैं |यह आल सिटिज़न मॉडल के तहत किसी भी योजना में शामिल हो सकते हैं |
- असंगठित क्षेत्र के श्रमिक :
अन्य व्यक्ति भी NPS का हिस्सा बन सकते हैं इसके लिए 2015 के पहले स्वालंबन योजना का प्रावधान था लेकिन अब इसकी जगह अटल पेंशन योजना ने ले ली हैं | इसके लिए नागरिक की उम्र 18 वर्ष से 40 वर्ष की होनी चाहिये |
न्यू पेंशन स्कीम के लाभ :
Benefits For National New Pension Scheme NPS
- पारदर्शिता :
NPS एक लाभकारी पेंशन स्कीम हैं इसमें इन्वेस्ट करना लाभकारी हैं इसमें सभी कार्यो में पारदर्शिता बनी रहती हैं |पारदर्शिता मतलब इससे जुड़े लोग कभी भी निवेश एवम लाभ का ब्यौरा ले सकते हैं |
- आसान प्रक्रिया :
NPS के रुल बहुत आसानी से समझे जा सकते हैं यह अन्य इनवेस्टमेंट की तरह कॉमप्लीकेटेड नहीं हैं | इसमें एक Permanent Retirement Account Number (PRAN) दिया जाता हैं जिसके जरिये आसानी से इसे इस NPS से जुड़ा जा सकता हैं |
- पोर्टेबल स्कीम:
यह NPS की प्रक्रिया सुगम एवम सुचारू हैं | इसमें मिले प्रान नंबर के कारण सभी क्रियाये आसान एवम छोटी हो जाती हैं | यह प्रान नंबर फिक्स रहता हैं अगर आप अपना पेंशन ब्रांच/ ऑफिस बदलना भी चाहे तो आसानी से बदल सकते हैं लेकिन आपका प्रान नंबर वही रहता हैं |
- NPS का सञ्चालन :
NPS की यह क्रिया पेंशन फंड नियामक एवं विकास प्राधिकरण (Pension Fund Regulatory and Development Authority ) की देख रेख में चलती हैं | सभी संभव जानकारी PFRADA से ली जा सकती हैं |
- टैक्स लाभ :
वर्तमान में, टीयर I में किए गए योगदान के लिए Exempted-Exempted-Taxed (EET) के तहत योगदान राशि धारा 80 सी के अनुसार 1.00 लाख रुपए तक सकल कुल आय से कटौती के लिए हकदार है। यह आयकर नियम के अनुसार समय- समय पर बदलता रहता हैं |
टियर I के तहत योगदान एवम एन्युटी पर कोई टैक्स नहीं हैं लेकिन 60 वर्ष के बाद मिलने वाली पेंशन टैक्सेबल हैं |
यह योजना भविष्य निधी के रूप में सब्सक्राइबर को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाती हैं | आज के वक्त में महंगाई को देखते हुए यह एक बहुत ही लाभप्रद एवम सरल योजना हैं जिससे सब्सक्राइबर आसानी से जुड़ सकता हैं और इसे बिना किसी अधिक भाग दौड़ के सुचारू रख सकता हैं |
गैर सरकारी लोगो के लिए सरकार द्वारा स्वावलंबन योजना का प्रावधान लाया गया था लेकिन उनमे कई कमियाँ होने के कारण अटल पेंशन योजना को लाया गया | और आज देश के कई लोग इस योजना से जुड़ रहे हैं | इसे और भी कामयाब बनाने के लिए सभी को इस योजना से जुड़ना चाहिये |
सरकार द्वारा कई बीमा पॉलिसी भी लाई गई हैं जिसके तहत भी आम जनता फायदा उठ सकती हैं अतः हम सभी को इस तरफ जागरूक होते हुए पेंशन स्कीम एवम बीमा पॉलिसी लेनी चाहिये ताकि वर्तमान एवम भविष्य सुरक्षित हो सके |
आप अगर सरकारी कर्मचारी हैं तो एनपीएस में आप कितनी भी रकम जमा कर सकते हैं, लेकिन 10 फीसदी तक की जमा रकम पर टैक्स का फायदा मिलेगा। सैलरी का मतलब बेसिक सैलरी और डीए से है। अगर प्राइवेट सेक्टर में काम करते हैं, तो एनपीएस में आप कितनी भी रकम जमा कर सकते हैं, लेकिन टैक्स फायदा आपको ग्रॉस टोटल इनकम के दस फीसदी तक ही मिलेगा। ग्रॉस टोटल इनकम का मतलब है, साल में सभी स्रोतों से होने वाली कुल आमदनी (डिडक्शन से पहले)। 10 फी रकम पर एक और लिमिट है। एनपीएस के तहत मिलने वाली टैक्स छूट 80 सी की सीमा 1 लाख रुपये के भीतर ही है।
कहां इनवेस्ट होता है पैसा:-
आपकी रकम को इनवेस्ट करने के लिए तीन ऑप्शन हैं : -
ई क्लास : हाई रिटर्न, हाई रिस्क। इसमें रकम इक्विटी में लगाई जाती है।
सी क्लास : इसमें पैसा गवर्नमेंट सिक्युरिटी को छोड़कर फिक्स्ड इनकम देने वाले इंस्ट्रूमेंट में लगता है।
जी क्लास : मीडियम रिस्क, मीडियम रिटर्न। इसमें रकम गवर्नमेंट सिक्युरिटी जैसे जीओआई बॉन्ड और राज्य सरकारों के बॉन्ड में लगती है।
अब आपके पास दो ऑप्शन हैं: या तो आप एक्टिव चॉइस लें। इसमें आप खुद तय करेंगे कि आपका कितना पैसा किस क्लास में लगेगा या फिर आप ऑटो चॉइस लें। ऑटो चॉइस में उम्र बढ़ने के साथ-साथ इक्विटी का एक्सपोजर अपने आप घटता जाता है।
कितनी पेंशन:-
यह सबसे अहम सवाल है कि एनपीएस में मुझे पेंशन कितने रुपये महीना मिलेगी? यह निर्भर करता है इस बात पर कि 60 साल का होने पर आप कितनी रकम की एन्युटी खरीदते हैं। जितनी ज्यादा रकम की एन्युटी खरीदेंगे, उतनी ही ज्यादा रकम हर महीने पेंशन की मिलेगी। और एन्युटी कितने की खरीद रहे हैं, यह निर्भर करेगा इस बात पर कि आपका पेंशन वेल्थ कितना बनता है और उस पर आपको रिटर्न कितना मिला है। इन सभी फैक्टरों से पेंशन की रकम तय होती है इसलिए ठीक-ठीक यह बता पाना संभव नहीं है कि कितनी रकम हर महीने पेंशन मिलेगी। पेंशन एन्युटी सर्विस प्रोवाइडर सीधे आपके बैंक खाते में हर महीने जमा करेगा।
स्कीम से बाहर आना:-
60 साल से पहले
जितना फंड बना है, उसके कम-से-कम 80 फी. हिस्से की आपको इरडा द्वारा मान्यता प्राप्त इंश्योंरेस कंपनी से लाइफ एन्युटी लेनी होगी। इससे ही हर महीने पेंशन मिलेगी। बाकी बची 20 फीसदी रकम आप कैश ले सकते हैं।
60 से पहले मौत होने पर
मौत होने पर नॉमिनी को पूरी पेंशन वेल्थ दे दी जाती है।
60 साल से लेकर 70 साल तक
आपकी जितनी भी पेंशन वेल्थ बनी है, उसके कम-से-कम 40 फीसदी हिस्से की इरडा द्वारा मान्यता प्राप्त इंश्योंरेस कंपनी से लाइफ एन्युटी लेनी होगी। इस एन्युटी से आपको हर महीने पेंशन मिलती रहेगी। बाकी रकम आप एक साथ या थोड़े-थोड़े समय के बाद ले सकते हैं।
एक्सपर्ट की सलाह
डेट में इनवेस्ट चाहते हैं, तो पीपीएफ अच्छा ऑप्शन है। इक्विटी एक्सपोजर चाहते हैं तो ईएलएसएस बेहतर है। दोनों में ही जमा रकम पर टैक्स छूट मिलती है और विड्रॉल पर टैक्स नहीं लगता। ये दोनों ऑप्शन एनपीएस से बेहतर हैं। एनपीएस का एक पॉजिटिव यह है कि एम्प्लॉयर द्वारा जमा की गई रकम आपके हाथ में नॉन टैक्सेबल होती है।
यह योजना आपको कैसी लगी और क्या आप इससे जुड़े हैं हमें जरुर बताये | साथ ही इस महत्वपूर्ण जानकारी को अपने दोस्तों से जरुर शेयर करें |
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